महिला-बालिका हिंसा संबंधी मुद्दों पर स्वमेव प्राथमिकता से जन समुदायिक सहभागिता से निराकृत करना ।
2.
जिन आवेदन पत्रों को मौके पर ही निराकृत करना संभव नहीं होगा उनका निराकरण भी समयबध्द कार्यक्रम के जरिए किया जायेगा ।
3.
अपने व्यक्तित्व को, अपनी आत्मा को निराकृत करना चाहते हैं और इसीलिए हमें जरूरत होती है एक ऐसे व्यक्ति की जो पूरी निष्ठा और ईमानदारी के साथ हमारी अनुभूतियों का साक्षी बने, जो पूरी करुणा के साथ हमारी पीड़ा व दुःख के गहनतम क्षणों को हमारे साथ-साथ भोगे, जिसका स्नेह ऐसा हो कि जब वह बरसे तो मन की धरती से मुस्कुराहटों की कोपलें फूट पड़ें और जो हमारी भूलों पर आवरण न डालते हुए हमें आईना दिखाने के बाद स्वयं बाँहें पसार उनमें समा जाने का आमंत्रण दें।
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अपने व्यक्तित्व क ो, अपनी आत्मा को निराकृत करना चाहते हैं और इसीलिए हमें जरूरत होती है एक ऐसे व्यक्ति की जो पूरी निष्ठा और ईमानदारी के साथ हमारी अनुभूतियों का साक्षी बन े, जो पूरी करुणा के साथ हमारी पीड़ा व दुःख के गहनतम क्षणों को हमारे साथ-साथ भोग े, जिसका स्नेह ऐसा हो कि जब वह बरसे तो मन की धरती से मुस्कुराहटों की कोपलें फूट पड़ें और जो हमारी भूलों पर आवरण न डालते हुए हमें आईना दिखाने के बाद स्वयं बाँहें पसार उनमें समा जाने का आमंत्रण दें।